Collection of best poetry from best poet.
There are lots of poetry from various sources and various poet. Follow me on
1 - Shor Karte Raho Tum Surkhiyon Me Aane Ka,
Humari Toh Khamoshiyan Bhi Ek Akhbaar Hain.
2- आख़िरी बार मिलो ऐसे कि जलते हुए दिल
राख हो जाएँ कोई और तक़ाज़ा न करें!
3- तुझी को देखूँगा जब तक हैं बरक़रार आँखें
मिरी नज़र न फिरेगी तिरी नज़र की तरह
4- तुझे मनाऊँ कि अपनी अना की बात सुनूँ
उलझ रहा है मिरे फ़ैसलों का रेशम फिर
5- मैं लोगों से मुलाकातों के लम्हें याद रखता हूँ,
बातें भूल भी जाऊं पर लहजे याद रखता हूँ।
6- ज़मीं पर आओ फिर देखो हमारी अहमियत क्या है,
बुलंदी से कभी ज़र्रों का अंदाज़ा नहीं होता।
7- हम से वो रत-जगों की अदा कौन ले गया
क्यूँ वो अलाव बुझ गए वो क़िस्से क्या हुए
8- रोज़ इस आस पे दरवाज़ा खुला रखता हूँ
शायद आ जाए वो चुपके से कभी उस जानिब
- फ़ैसल हाश्मी
9- वो मुतमइन हैं कि पत्थर पिघल नहीं सकता मैं बे-क़रार हूँ आवाज़ में असर के लिए
10- ज़िक्र जब होगा मोहब्बत में तबाही का कहीं
याद हम आएँगे दुनिया को हवालों की तरह
#SudarshanFaqir
11- तेरे कूचे में जो आया है ग़ुलामों की तरह ,.,
अपनी बस्ती का सिकंदर भी तो हो सकता है ,.,,!!
12- हमें शायर समझ के यूँ नजर अंदाज मत करिये,
नजर हम फेर ले तो हुस्न का बाजार गिर जाये
13- दिल गया था तो ये आँखें भी कोई ले जाता
मैं फ़क़त एक ही तस्वीर कहाँ तक देखूँ...
14- हाथ मेरे भूल बैठे दस्तकें देने का फ़न
बंद मुझ पर जब से उस के घर का दरवाज़ा हुआ
15- उन का ज़िक्र उन की तमन्ना उन की याद
वक़्त कितना क़ीमती है आज कल
16- NAMAZ PARH KE DUA KI MAZEED KYA KARTE,
TERE FIRAAQ MEIN HUM AUR EID KYA KARTE.
17- kitne nādāñ haiñ tire bhūlne vaale ki tujhe
yaad karne ke liye umr paḌī ho jaise
18- क्या सितम है कि अब तिरी सूरत
ग़ौर करने पे याद आती है
19- आज ज़रा फ़ुर्सत पाई थी आज उसे फिर याद किया
बंद गली के आख़िरी घर को खोल के फिर आबाद किया
20- उदासी शाम तन्हाई कसक यादों की बेचैनी
मुझे सब सौंप कर सूरज उतर जाता है पानी में
21- Ye humse na hoga ki kisi ek ko chahein,
Aye ishq ! Hamari na tere sath banegi
22- छेड़ कर जैसे गुज़र जाती है दोशीज़ा हवा
देर से ख़ामोश है गहरा समुंदर और मैं
23- वो मिल न सके याद तो है उन की सलामत
इस याद से भी हम ने बहुत काम लिया है
24- उस से मिलना तो उसे ईद-मुबारक कहना
ये भी कहना कि मिरी ईद मुबारक कर दे
25- देखा हिलाल-ए-ईद तो आया तेरा ख़याल
वो आसमाँ का चाँद है तू मेरा चाँद है
26- इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा
लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं
27- जब कभी हम ने किया इश्क़ पशेमान हुए
ज़िंदगी है तो अभी और पशेमाँ होंगे
"पशेमान-शर्मिंदा"
28- देखा किए वो मस्त निगाहों से बार बार
जब तक शराब आई कई दौर हो गए
29- अभी दिखाओ न तस्वीर-ए-ज़िंदगी इस को
ये बचपना है अभी मुस्कुराना चाहता है
30- Ye dabdaba ye hukuumat ye nashsha-e-daulat
Kiraaya-daar hain sab ghar badalte rahte hain
31- ’रोशनी मेरी बहुत दूर तक जायेगी, पर शर्त यह है, की सलीखे से जलाओ मुझको ‘
32- Mujhse Mat Pooch Mere Dil Ki Kahani Aye Hum Dum..
Isme Kuch Parda Nasheeno K Naam B Aate Hai..!!
33- uḌne do parindoñ ko abhī shoḳh havā meñ
phir lauT ke bachpan ke zamāne nahīñ aate
34- उस के चेहरे की चमक के सामने सादा लगा
आसमाँ पे चाँद पूरा था मगर आधा लगा
35- ज़िनके लिए ज़ान हथेली पर रख्खे रहते थे हम,
नोच गये, लूट गये, वो कर गये कुछ ऐसे करम
36- Wo na aayega hamein maloom tha is shaam bhi
Intizaar us ka magar kuchh soch kar karte rahe
37- ऐ दोस्त हम ने तर्क-ए-मोहब्बत के बावजूद
महसूस की है तेरी ज़रूरत कभी कभी
38- Jitna Maayoos Hai Wo ShaKhs Bichar Kar Mujh Se,,,*
Itni Shiddat Se to Maine Usay
Chahaa Bhi Na Tha...!!
39- aag the ibtidā-e-ishq meñ ham
ab jo haiñ ḳhaak intihā hai ye
40- बुझते हुए चराग़ फ़रोज़ाँ करेंगे हम तुम आओगे तो जश्न-ए-चराग़ाँ करेंगे हम
41- ऐ काश हमारी क़िस्मत में ऐसी भी कोई शाम आ
जाए इक चाँद फलक पर निकला हो, इक चाँद सर-
ए-शाम आ जाए
42- हर एक बात के यूँ तो दिए जवाब उस ने जो ख़ास
बात थी हर बार हँस के टाल गया
43- भला हुआ कि कोई और मिल गया तुम सा वगरना हम
भी किसी दिन तुम्हें भुला देते
44- Bas ek modh meri zindagi mein aya tha Phir
iske baad ulajhti gayi kahaani meri
45- अपनी अना की आज भी तस्कीन हम ने की जी
भर के उस के हुस्न की तौहीन हम ने की
46- ख़याल-ए-यार सलामत तुझे ख़ुदा रक्खे तेरे बग़ैर
कभी घर में रौशनी न हुई
47- Shaam bhi thi dhua dhua.. husn bhi tha
udaas udaas.. dil ko kayee kahaniyaa
yaad si aa kar reh gayi..
48- कैसे कैसे ऐसे वैसे हो गए ऐसे वैसे कैसे कैसे हो गए
49- काम सब ग़ैर-ज़रूरी हैं जो सब करते हैं और हम कुछ
नहीं करते हैं ग़ज़ब करते हैं
50- Sii ke lab aik qayamat si utha di jaye,
Reh ke khamosh zara dhoom macha di jaye..
51- हम-सफ़र ढूँडो न रहबर का सहारा चाहो ठोकरें
खाओगे तो ख़ुद ही सँभल जाओगे
52- Kis kis ki zubaan rokne jaaon teri khaatir,
Kis kis ki tabaahi main tera haath nahin hai..
53- ज़रा सी देर को उस ने पलट के देखा था ज़रा सी
बात का चर्चा कहाँ कहाँ हुआ है
54- इश्क़ हारा है तो दिल थाम के क्यूँ
बैठे हो
तुम तो हर बात पे कहते थे “कोई बात
नहीं”
55- ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रही जज़्बात
में वो पहली सी शिद्दत नहीं रही
56- आप जिस रह-गुज़र-ए-दिल से कभी गुज़रे थे उस
पे ता-उम्र किसी को भी गुज़रने न दिया
57- सफ़र में मुश्किलें आएँ तो ज़ुर्रत और बढ़ती है
कोई जब रास्ता रोके तो हिम्मत और बढ़ती
58- अपनी यादों से कहो इक दिन की छुट्टी दें मुझे
इश्क के हिस्से में भी इतवार होना चाहिये
59- अब छलकते हुए सागर नहीं देखे जाते
तौबा के बाद ये मंज़र नहीं देखे जाते
मस्त कर के मुझे, औरों को लगा मूँ साक़ी
ये करम होश में रह कर नहीं देखे जाते
साथ हर एक को इस राह में चलना होगा
इश्क़ में रहज़ान\-ओ\-रहबार नहीं देखे जाते
हम ने देखा है ज़माने का बदलना लेकिन
उन के बदले हुए तेवर नहीं देखे जाते
60- PAGAL USNE KAR DIYA EK BAR DEKH KEH'
HUM KUCH BHI NA KAR SAKE LAGATAAR DEKH KE
61- Puraani Ho Ke __ Aur Bhi Azaab Hoti Ja Rahi Hai,
Mohabbat Be-Sharam, Be-Hisab Hoti Ja Rahi Hai.
62- Tum na aana waqt k darya main beh kar is
taraf.
Main to machli ki tarah uljha huwa hun jaal
main
63- Ab mein samjha tere rukhsaar pe til ka
matlab
Dolat-e-husn pe darbaan bhitha rakhkha
hai
64- Teri Husn Ko Parde Ki Zaroorat Nahi Hai
Kon Hosh Mein Rehta Hai Tujhe Dekhne K Baad..
65- Ab Toh Un Ki Yaad Bhi Aati Nahin;
Kitni Tanha Ho Gayin Tanhaayiaan!
66- Hota Hai Mere Dard Ka Har Roop
Alag Hii.........
Aati Hai Teri Yaad Bahut Bhes Badal Kar..
67- देने वाले की मशिय्यत पे है सब कुछ मौक़ूफ़
माँगने वाले की हाजत नहीं देखी जाती
68- जब यार ने उठा कर ज़ुल्फ़ों के बाल बाँधे
तब मैं ने अपने दिल में लाखों ख़याल बाँधे
69- रात मिली तन्हाई मिली और जाम मिला
घर से निकले तो क्या-क्या आराम मिला
70- इतना गया हूँ दूर मैं ख़ुद से कि दम-ब-दम
करनी पड़े है अपनी भी अब इल्तिजा मुझे
~ मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
इल्तिजा- request
Sir. You are doing good Job.
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